धन धन हे विधाता तोर गढ़ना / दुकालू यादव
अजब गजब तोर रूप विधाता सगरो चराचर रच डारे
आगी रचे तैं पानी रचे तैं पवन घलो तैं रच डारे
जीव जंतु मानुष ल रचे तैं देव धामी घलो रच डारे
सबके गढ़ईया तैं हा विधाता कोन पाही तोरेच पारे
कोन पाही तोरेच पारे 2
धन धन हे विधाता तोर गढ़ना हो तोर गढ़ना
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
धन धन हे विधाता तोर गढ़ना हो तोर गढ़ना
तोर रचे संसार विधाता अगनी पवन अऊ पानी
-- अगनी पवन अऊ पानी --
तीनो ला तिहि उपजाए तभे चलत हे जिनगानी
--तभे चलत हे जिनगानी --
तोर हाथ में सब के जीना मरना जीना मरना 2
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
धन धन हे विधाता तोर गढ़ना हो तोर गढ़ना
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
जगत के तैं रखवार विधाता करथे तोर कोन रखवारी
-- करथे तोर कोन रखवारी --
तीन लोक तैंतीस कोटी देवता दानव मानव तोर पुजारी
-- दानव मानव तोर पुजारी --
सबो बंधे हे तोर मया के बंधना ए मया के बंधना 2
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
धन धन हे विधाता तोर गढ़ना हो तोर गढ़ना
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
सतजुग द्वापर त्रेता कलयुग चारो जुग मा तैं हा आये
-- चारो जुग मा तैं हा आये --
धरती आगास तोर छंईहा भुईहा फेर कहा तैं समाये
-- फेर कहा तैं समाये --
तोला देखे बर तरसे प्रेम के नैना प्रेम के नैना 2
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
धन धन हे विधाता तोर गढ़ना हो तोर गढ़ना
यहो अजब रचे तैं जग रचना हो जग रचना
गीत - धन धन हे विधाता तोर गढ़ना
प्रकार - जस गीत
सिंगर - दुकालू यादव
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - KK CASSETTE